कोरबा में बड़ी बढ़त, बाकी 7 अन्य विधानसभाओं में भाजपा रही कांग्रेस से पीछे, इसलिए हार
समीक्षात्मक लेखन...
कोरबा- के अलावा भाजपा को किसी और विधानसभा में नही मिली बढ़त,ज्योत्सना महंत दूसरी बार बनी सांसद..देखिए 8 विधानसभाओं में जीत का अंतर..
लोकसभा चुनाव 2024 में छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 11 लोकसभा सीटों में से 10 सीट भाजपा के पाले में आ गई है। एक मात्र कोरबा लोकसभा की सीट कांग्रेस के हिस्से में गई है। आपको बता दें प्रदेश में बीते लगभग 5 माह पूर्व विधान सभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी बढ़त के साथ 54 सीट हासिल कर सरकार बनाई। बात करें कोरबा जिले की तो यहां चारो विधान सभा में से कोरबा और कटघोरा में बड़ी जीत का परचम बीजेपी ने लहराया हालांकि रामपुर और पाली तानाखार में भाजपा का जादू नही चला। कोरबा विधानसभा प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट में से एक सीट रही जहां से तीन बार के विधायक और बीते कांग्रेस शासन में बतौर केबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल को पराजित कर लखन लाल देवांगन ने कोरबा से भाजपा को आखिरकार जीत दिला दी। जिसका परिणाम है की प्रदेश नेतृत्व ने उन्हे केबिनेट मंत्री का पद देते हुए और उद्योग व श्रम मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी सौंपी। कोरबा लोकसभा में कोरबा जिले की इन चारों विधान सभा सीटों के साथ,कोरिया जिले में भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर की तीन सीट और जीपीएम (गौरेला पेंड्रा मरवाही) की एक मरवाही सीट को मिलाकर कुल 8 विधानसभा सीटें है। इन 8 विधानसभाओं में से सबसे अधिक 6 सीट भाजपा के पास है, एक – एक कांग्रेस और गोडवाना गड़तंत्र पार्टी के पास है। जबकि कोरबा लोकसभा चुनाव में कोरबा विधानसभा को छोड़कर किसी भी अन्य विधानसभा में भाजपा का वोट अंतर कांग्रेस से कम आया है। पाली तानाखार से भाजपा और कांग्रेस के अलावा गोडवाना गड़तंत्र पार्टी से भी उम्मीदवार ने लोकसभा चुनाव लडा जिन्हे 48000 से अधिक वोट मिले बावजूद इसके यहां कांग्रेस ने 99000 से अधिक वोट हासिल किए जबकि भाजपा को यहां कांग्रेस से लगभग आधे 51000 के आसपास ही वोट मिले। जो भाजपा के लिए बड़ी हार की वजह बनी है। प्रदेश के बाद अब देश में सरकार बनाने अहम चुनाव हो चुके है। आगे संभवतः 2024 वर्ष के अंत m में निगम और पंचायती चुनाव होने है। बीते इन दोनो ही चुनाव में जीत हार के अंतर और समीकरण ने जनता के मूड को स्पष्ट रूप से बता दिया है की केवल विकास की बात नही वास्तव में विकास भी करना होगा तभी सत्ता की सीट पर बैठना होगा। विधान सभा चुनाव में प्रदेश में जहां कांग्रेस ने सत्ता से हाथ धो बैठा वहीं देश में भी इस बार बीजेपी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकी। भाजपा अपनी एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टीयों के साथ सरकार बनाने जा रही है। अगर इन एक दो दिनों में सब ठीक रहा तो बीजेपी की सरकार बनेगी अन्यथा इंडिया गठबंधन इस बार बहुमत से बहुत दूर नहीं है,वह भी भीतर भीतर सरकार बनाने कयावद में जुटी हुई है। ओम गवेल……